The Basic Principles Of baglamukhi shabhar mantra



That means: We pray to Mata Baglamukhi to limit the movement on the enemies and secure us from their evil intentions.

हस्ताभ्यां पाशमुच्चैरध उदित-वरां वेद-बाहुं भवानीम् ।।

प्रेतस्थां बगला-मुखीं भगवतीं कारुण्य-रूपां भजे ।।

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

ऊँ ह्लीं बगलामुखीं ! जगद्वशंकरी! मां बगले! पीताम्बरे! प्रसीद प्रसीद मम सर्व मनोरथान् पूरय पूरय ह्लीं ऊँ

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

पीताम्बर-धरां देवीं द्वि-सहस्त्र-भुजान्विताम । सान्द्र-जिव्हां गदा चास्त्रं, धारयन्तीं शिवां भजे । ।

कल्प- द्रुमाधो हेम-शिलां प्रविलसच्चित्तोल्लसत्-कान्तिम् ।

हेम-कुण्डल-भूषां च, पीत-चन्द्रार्ध-शेखराम् । पीत-भूषण-भूषां च, स्वर्ण-सिंहासन-स्थिताम‌्

पीतार्णव-समासीनां, पीत-गन्धानुलेपनाम् ।

Advantages: This mantra is generally chanted to entice somebody that you really feel is beloved for you. This mantra assists persons to influence the ideas and thoughts of people.

ऋषि more info श्रीनारद द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

शमशान में बगलामुखी प्रयोग हेतु मूल, आद्र्रा या भरणी नक्षत्र में शनिवार को ही प्रथम श्मशान से मिट्टी लाकर दीपक बनाना चाहिए,एसा केई बार देखा है कि इस मंत्र के प्रयोग से बलवान से बलवान भी शत्रुओं का समूह नष्ट हो जाता है

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